बैंक की उपविधियों में लघु सिंचाई, कृषि यंत्रीकरण, औद्यानिक विकास, पशु पालन, मत्स्य पालन, अकृषि क्षेत्र, ग्रामीण आवास तथा अन्य योजनाओं में ऋण प्रदान करने की व्यवस्था की गयी है।
इस समय बैंक द्वारा निम्नलिखित योजनाओं हेतु कृषकों को दीर्घकालीन ऋण उपलब्ध कराया जा रहा हैः-
1. लघु सिंचाई-
कुॅंआ, बोरिंग, रहट, पम्पसेट, नलकूप, नाली, स्प्रिंकलर सिंचाई, बन्धी, ड्पि पद्धति सिंचाई, लिफ्ट पद्धति सिंचाई, सबमर्सिबल पम्प आदि।
2. कृषि यंत्रीकरण-
ट्रैक्टर, टाली, पावर टिलर, पावर थ्रेशर, कम्बाइन हार्वेस्टर तथा ट्रैक्टर मरम्मत।
3. डेयरी-
दुधारू पशु के क्रय हेतु।
4. औद्यानिक विकास-
आम, अमरूद, बेर, सन्तरा, नींबू, लुकाट, ऑंवला, मचान विधि से खेती, अंगूर, नर्सरी विकास एवं सेब, नाशपाती, ग्लैडियोलाई, मसरूम तथा पुराने उद्यानों का जीर्णोद्धार एवं भूमि संरक्षण, समतलीयऋण, ऊसर एवं परती भूमि विकास, रेशम उद्योग।
5. पशु पालन-
बकरी, भेड़, कुक्कुट, सूअर, खच्चर, ऊॅंट, खरगोश आदि।
6. मत्स्य पालन-
अविकसित तालाबों का विकास एवं मछली पालन।
7. कुक्कुट पालन।
8. पशुचालित वाहन।
9. अकृषि क्षेत्र-
लघु एवं कुटीर उद्याोगः-आटा चक्की, तेलघानी, मिनी राइस मिल, विद्युत सजावट(जनरेटर),चारामशीन मय इंजन, सिले-सिलाये वस्त्र योजना, टेन्ट हाउस, हस्तकरघा, चूड़ी उद्योग, कालीन निर्माण उद्योग, मौन पालन उद्योग, बेकरी, पी0सी0ओ0, फैक्स मशीन, फोटो कॉपी मशीन, पशु चिकित्सालय, ग्रामीण नर्सिंग होम, लकड़ी के सामान बनाना, पीतल के बर्तन, मिट््टी के बर्तन, गन्ना कोल्हू, गुड़ एवं खाण्डसारी, टोकरी बनाना, खेल सामग्री, जूता बनाना, मधुमक्खी पालन, लोहारगिरी, रस्सी उद्योग, दियासलाई उद्योग, कढ़ाई, पत्थर की नक्काशी, जरी का काम, हस्तमुद्रण, रंगाई, सिलाई मशीन आदि।
10. लघु सड़क परिवहन-
16.2 टन तक के वाहनों हेतु ऋण दिया जाता है।
11. ग्रामीण आवास-
नये भवन का निर्माण तथा पुराने भवन की मरम्मत।
12. अन्य योजनायें -
दो पहिया वाहन योजना, भूमि क्रय योजना आदि।
वर्तमान में बैंक द्वारा निम्नलिखित नवीन आयाम की योजनायें संचालित की जा रही हैं:-
(i) डेयरी योजनान्तर्गत विविधीकरण की योजनायें:-
v दुग्ध प्रसंस्करण इकाई स्थापना
v चारा उत्पादन योजना
v उच्च गुणवत्ता वाली शंकर गाय व भैंस पालन योजना
v शहर की गोशालाओं से शुष्क, गाभिन, पशु क्रय कर पालन की योजना
v प्रजनन एवं ढुलाई हेतु उच्च नस्ल की गायों एवं भैंसों के नर बछड़े पालन की योजना
v पशु चिकित्सा हेतु सेवा निवृत्त/वेटनरी डॉक्टर को पशु चिकित्सा हेतु निजी क्लीनिक खोलने की योजना
(ii) एग्रीकल्चर क्लीनिक योजनाः-
v भूमि जलजॉंच सेवा केन्द्र
v यंत्र सेवा केन्द्र
v लघु प्रसंस्करण केन्द्र
v रातव एवं दवाई फुटकर बिक्री केन्द्र
v कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र
v मत्स्य बीज उत्पादन इको हेचरी एवं प्रसार सेवा केन्द्र
v औद्यानिक क्लीनिक एवं व्यावसायिक सेवा केन्द्र
v वर्मी कम्पोस्ट इकाई
v पौधा सुरक्षा एग्रो सेवा केन्द्र
(iii) औषधीय पौधों की खेतीः-
v सेटेनेला की व्यावसायिक खेती
v पामा रोजा की व्यावसायिक खेती
v लेमन ग्रास की व्यावसायिक खेती
v सफेद मूसली की खेती
अन्य योजनायें:-
v प्याज भण्डारण हेतु ग्रामीण गोदाम
v फलों के संरक्षा हेतु जीरो इनरजी कूल चैम्बर की योजना
v वृहत मधुमक्खी पालन योजना
v चारा व औद्यानिक पशुओं के साथ मौन पालन की योजना
v भूमि क्रय योजना